गायत्री मंत्र का जाप है समस्या का उपाय गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी कहा गया है
शास्त्रों के अनुसार गायत्री वेद माता है एवं मनुष्य के समस्त पापों का नाश करने की शक्ति इसमें है गायत्री महामंत्र को वेदों का सर्वश्रेष्ठ मंत्र बताया गया है इसके जप के लिए तीन समय बताए गए हैं पार्त समय गायत्री मंत्र का जप का पहला समय है प्रात काल सूर्योदय से थोड़ी देर पहले जब सूर्योदय के पश्चात तक करना चाहिए दूसरा समय है दोपहर और जप का तीसरा समय है सांयकालिन सूर्योदय अस्त के पहले ब्राह्मण को गायत्री मंत्र करने से तेज एवं कीर्ति मिलती है मंत्र के साथ ही छह दिवसीय कार्यक्रम समापन हुआ मंत्रोच्चारण के बाद हवन एवं यज्ञ का कार्यक्रम हुआ यज्ञ पंडित पर्खायात विधवान पंडित सुभाष हर्ष के सानिध्य में पंडित सचिन शर्मा पंडित अशोक शर्मा देवीपुरा पंडित मनमोहन शर्मा पंडित मनीष शर्मा के नेतृत्व में हुए संपन्न राजकुमार शर्मा पत्नी सरला देवी बाबूलाल शर्मा पत्नी सरोज देवी सनजिव शर्मा पत्नी आसा शर्मा अजय कोशिक पत्नी राज राजेश्वरी विजय कोशिक पत्नी ललीता शर्मा कार्यक्रम में ब्राह्मण संगठन के पदाधिकारी मनोहर लाल खाजपुरिया आदि उपस्थित थे