सर्वे में शामिल 91 फीसदी लोग चाहते हैं कि ऑनलाइन और फैंटेसी गेम्स को बढ़ावा देने वाले एसएमएस पर रोक लगनी चाहिए
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोकल सर्किल्स द्वारा किए गए सर्वेक्षण में लोगों से पूछा गया कि "क्या फैंटेसी स्पोर्ट्स को सट्टेबाजी, सट्टेबाजी और जुए वाले खेल के रूप में माना जा सकता है"।
इस सवाल पर सर्वे में शामिल हर 3 में से 2 लोगों ने 'हां' चुना है। वहीं, सिर्फ 14 फीसदी लोगों ने 'नहीं' में जवाब दिया है। इसके अलावा 21 फीसदी लोगों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया
हर ऑनलाइन गेम को जुआ या सट्टेबाजी माना जा सकता है।
भारतीय कानून के अनुसार गेमिंग और जुए के बीच सबसे बड़ा अंतर कौशल है। एक ऑनलाइन गेम जिसे खेलने के लिए कौशल की आवश्यकता नहीं होती है
हालाँकि, इन दोनों के बीच का अंतर काफी नाजुक है। फिलहाल ऐसी कोई लिस्ट नहीं बनाई गई है, जिससे यह पता चल सके कि किस गेम पर बैन लगा है।
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